लिखित हिंदी से मेरा लगाव पाठशाला के दिनों ही समाप्त हो गयी थी । परंतु आज तक मुझे मेरे पाठ्य पुस्तक कि कहानियाँ याद हैं । काश कि मैं उन दिनों कि तरह आज भी काहानि पड़ पाता ।
कल मैंने एक नया iPhone 4 ख़रीदा । उसमें हिंदी लिखने और पड़ने कि प्रक्रिया इतनी सरल थी कि मैंने हिंदी पड़ने के साथ-साथ इन पन्नों पर लिखने का भी निर्णय लिया । शुरूआत मैं मेरे लेख ़अधुरे लगेंगे पर मेरा इसे सुधारने का सदा प्रयत्न रहेगा ।